||अघोरकष्टोद्धारणस्तोत्रम|| Mandar Sant October 16, 2017 Uncategorized श्रीपाद श्रीवल्लभ त्वं सदैव| श्री दत्तास्मान पाहि देवाधीदेव|| भावग्राह्य क्लेशहारिन सुकीर्ते| घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते|| त्वं नो माता त्वं पिताप्तो दिपस्त्वं| त्रातायोगक्षेमकृसद्गुरुस्त्वम|| त्वं सर्वस्वं नो प्रभो विश्वमूर्ते| घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते|| पापं तापं व्याधीमाधींच दैन्यम| भीतिं क्लेशं त्वं हराsशुत्व दैन्यम|| त्रातारंनो वीक्ष इशास्त जूर्ते| घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते|| नान्यस्त्राता नापि दाता न भर्ता| त्वत्तो देवं त्वं शरण्योकहर्ता| कुर्वात्रेयानुग्रहं पुर्णराते| घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते|| धर्मेप्रीतिं सन्मतिं देवभक्तिं| सत्संगाप्तिं देहि भुक्तिं च मुक्तिं भावासक्तिंचाखिलानन्दमूर्ते| घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते|| श्लोकपंचकमेतद्यो लोकमंगलवर्धनम| प्रपठेन्नियतो भक्त्या स श्रीदत्तप्रियोभवेत|| ||इति श्रीमत्वासुदेवानंदसरस्वतिविरचितं अघोरकष्टोद्धारणस्तोत्रम सम्पूर्णम|| Leave a Reply Cancel Reply Your email address will not be published.CommentName* Email* Website