कार्तिक_पूर्णिमा_का_महत्त्व_एवं_विधि: 12 नवम्बर 2019

कार्तिक पूर्णिमा का शास्त्रों में बहुत महत्व माना गया है। जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक पूजन करता है, उसके जीवन से सभी संतापों का अंत हो जाता है।

जन्मकुंडली_में_जैसे_भी_दोष_हों, उन्हें_दूर_करने_के_लिए_ये_दिन_बहुत_शुभ_है।

नारद_पुराण के अनुसार ऐसा कहा गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान_विष्णु_ने_अपना_पहला_अवतार धारण किया था। इस भगवान कार्तिकेय की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए।

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कार्तिक के महीने में गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व मना जाता है। कार्तिक महीने के दौरान गंगा में स्नान करने की शुरुआत शरद पूर्णिमा से हो जाती है और जो कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होती है। इस समय हरिद्वार और वाराणसी के गंगा जी में भारी भीड़ देखने को मिलती है।

कार्तिक_पूर्णिमा_व्रत_और_पूजा_विधि

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्य उदय होने से पहले सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा करे और भगवान् विष्णु का ध्यान करें. इस दिन व्रत रखने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति व्रत रखता हैं उसे इस दिन नमक का इस्तेमाल बिलकुल भी नही करना चाहिए। व्रत करने वाले इस दिन ब्राह्मणों या योग्य पात्र को दान करें।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप अपने घरों में हवन, यज्ञ पूजा आदि करा सकते है। इस दिन कुछ लोग गंगा स्नान के लिए जाते हैं। ऐसा मना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से आपकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और आपका पूण्य फल दोगुना हो जाता है।

मन्त्र
ॐ नम: शिवाय और नारायण्यै दशहरायै गंगाये नम:

इस मंत्र का जाप करें तथा हवन यज्ञ करके आहूतियां डाले, धरती पर गंगा को लाने वाले भागीरथ और जहां से वह आई हैं उस हिमालय के नाम का स्मरण करते हुए उनका भी विधिवत पूजन करें।

इस दिन श्रीसूक्त_और_लक्ष्मी_स्तोत्र_का_पाठ करके हवन करें, लक्ष्मी_प्रसन्न_होकर_बरसाएंगी_धन।

शनि_दोष_से_मुक्ति के लिये काले रंग की वस्तुओं का दान शाम 5 बजे के बाद निर्धन व्यक्ति को करें।

संध्याकाल सूर्यास्त के बाद तुलसी पर दीपदान करें और चार परिक्रमा करें। नमक वाला भोजन न खायें,रात को चंद्रमा को अर्घ्य दे।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय कर आप अपने दुखों से मुक्त होकर श्रीहरि के कृपापात्र बन सकते हैं। और जातक को हर प्रकार से उन्नति मिलती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व होता है।

जिस किसी भी जातक को आर्थिक कष्ट हों उसे इस दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए।

भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करना तथा इस दिन व्रत रखना आपको शुभ लाभ देगा।

नीचे_दिया_मंत्र_जाप_करें_तो_धन_धन्य_की_पूर्ति_होती_है।
इस मंत्र को कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में स्नान तथा पूजन के पश्चात् भी कर सकते हैं लेकिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जप करना बहुत ही फलकारी है।

मंत्र:-
“पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।”

साथ ही कुछ_ध्यान_रखने_योग्य_बातें

रात्रि या ब्रह्म मुहूर्त में जब भी आप इस मन्त्र का जाप करना चाहें तब सबसे पहले साफ जल से स्नान कर पीले अथवा सफेद वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी के चित्र के सामने आसन पर बैठें या आप चाहें तो विष्णु या लक्ष्मी मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं।

मंदिर में आपका मुख जहां भगवान की प्रतिमा की ओर होगा, वहीं घर पर पूजा करते हुये सदा ही आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो, इसका विशेष ध्यान रखें।

भगवान् के सामने धूप जलायें। और मन में अपने अराध्य देव का सबसे पहले ध्यान करें। अपनी मनोकामना का स्मरण कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें। अब ऊपर दिये मंत्र का 108 बार जाप करें। पूरी श्रद्धा तथा भक्ति से किया यह जाप कुछ ही दिनों में आपको फल देगा।ln

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